Friday, August 20, 2021

तुम !

 तुमसे चार पल का मिलना

जैसी जिंदगी जी ली हो उन चार पलों में

और कभी कभी घंटों का मिलना

बस चार पल जैसा लगता है


काफी नहीं होता कभी

तुमसे मिलना

तुम्हें छोड़ना

लगता है बहुत कुछ छोड़ दिया है 


बातों का सिलसिला

कभी खत्म ही नहीं होता है 

छह महीने होने को आये

और कितनी बातें अभी भी बाकी हैं


शायद तुम एक ही हो

जिससे इतनी बातें हम कर पाए

तुम बस सुनते जाओ

हम बस कहते जाएँ l

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नैन्सी



Malshej Ghat, Maharashtra





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