ऑफिस - मुझे ऑफिस जाना पसंद है l और इसका पूरा श्रेय उस सुबह वाली ऑफिस की चाय को जाता है l चाय और उसमें से उड़ता धुआं l वो पहला घूँट चाय का , लगता है मानो यही जन्नत हो l बिना उस चाय के काम की शुरुआत नहीं होती , दिन की शुरुआत नहीं होती l और चाय भी नायाब होनी चाहिए - कड़क , बिल्कुल सफ़ेद नहीं , इलाइची और अदरक वाली l सामने अगर कोल्ड ड्रिंक , द्राक्षासव, तरल-पदार्थ, आसव, पेय, मदिरा, शर्बत और चाय हो तो मैं चाय को ही चुनूंगी l चाय सब कुछ है - सुबह की अंगड़ाई , शाम की गप -शप , रात की थकान l कोई रूठे तो चाय , मज़ाक तो चाय , डेट पे चाय , दोस्ती की शुरुआत है चाय , ब्रेक-अप पे चाय l हर सुख-दुःख की साथी है ये चाय l
चाय और उसमें से उड़ता धुआं - सच्चा प्यार तो यही है l
Dharer, Himachal |
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